1 January 2014

"नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं"

"नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं"


नये वर्ष का नया सवेरा ,
कुछ ताजे ताजे फूल खिले हैं,|
दिलो में दोस्ती की महक लिए
कुछ नये नये कद्रदान मिले हैं ||
ये रंग-बिरंगे,महकते,सुगन्धित पुष्प
जो दिन रात संघर्षों में जलें हैं|
खुले अम्बर,हकीकत के तल पर  
श्रृष्टि की आँखों में सपने पले हैं||
सपने  बड़े  सहज  ,सुंदर  हैं
दिल में पाने की हसरत,हौंसले हैं
सोच,सृजन,समर्पण,लगन से
ठोकरों में सारी ,मंजिले हैं ||
मंजिले पता पूछती हैं ,उस मुसाफिर का
जिसके रात  भर, दिए  जले  हैं |
तूफानी आधियों,सैलाबों में वह डटा हैं ,
देख जिसको ,घड़ी की सुई चले हैं||
-अजय यादव की कलम से |

31 December 2013

इलाहाबादनामा {छठी क़िस्त}

                   इलाहाबादनामा

मेरे शहर के विद्वानों...{वर्ष का लेखा जोखा}

              "तुम जब पैदा हुए तो तुम रोये,जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया |अपना जीवन ऐसे जियो की,तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोये जबकि तुम जश्न मनाओ"उपयुक्त पंक्तिया एक सफ़ेद कागज पर लिखी हुयी मेरी खुबसुरत मोटरसाईकिल की हेड्लाइट पर फड़-फड़ कर उड़ रही थी, CMP डिग्री कालेज के सामने एम्.जी.मार्ग पर मैं अपनी 350CC की मोटरसाईकिल को गियर में डालने ही वाला था |मेरा हाथ इग्निशन तक गया और इंजन को खामोश होना पड़ा ,क्यूंकि इन लाईनों का मतलब खोजने मेरी आँखे कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट द्वारा निर्मित ,उसी मार्ग पर स्थित इंटर और डिग्री कालेजो में अतीत के कुछ पन्ने पलटने लग चुकी थी |
      एशिया का सबसे बड़ा शैक्षिक ट्रस्ट कायस्थ पाठशाला {के पी.}की स्थापना 1872 ईश्वी में मुंशी काली प्रसाद कुलभाष्कार ने की थी |29249 सदस्य और 8500 महिला सदस्य वाले के.पी.ट्रस्ट ने बालिका शिक्षा में हमेशा महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं |संस्थापक काली प्रसाद जी ने अपना सब कुछ समाज ,देश के उत्थान के लिए अर्पित कर दिया,यहाँ तक की अपने दाह संस्कार तक के लिए कुछ भी नही रखा ,दान की इसी परम्परा को कायम रखते हुए ,शिक्षा की लौ को जलाये रखने के लिए अन्य कई दान-वीरो ने अपनी संपतियां दान की जिसके फलस्वरूप भारत के बिभिन्न भागो में इस ट्रस्ट के पास अकूत सम्पत्ति हैं |
  राजनैतिक{इलाहाबाद ने देश को छह प्रधानमन्त्री दियें हैं },धार्मिक,सांस्कृतिक,बौद्धिक नगरी प्रयाग ने देश को महान कलाकार और साहित्यकार दियें हैं |हिंदी साहित्य सम्मेलन,हिन्दुस्तानी अकेडमी,इलाहाबाद संग्रहालय,अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के इलाहाबाद केंद्र व् इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय में अनेक कार्यक्रम होते ही रहते हैं |इस वर्ष यहाँ पाकिस्तानी लेखिका फहमीदा रियाज भी इलाहाबाद आई,और यहाँ के लोगो के मन  की खूबसूरती उन्हें बहुत भायी|गुफ्तगू के सम्पादक श्री इम्तियाज अहमद गाजी ने उर्दू की मिठास और गजल विधा को व्याकरण सहित आमजन मानस के दिलो में ही नही वल्कि विश्व भर के उर्दू प्रेमिओ तक पहुँचाया |हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर श्री के.के.यादव एवं कवियत्री ,गध विधा की लेखिका ब्लोगर श्रीमती आकांक्षा यादव को ब्लॉग साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए काठमांडू में 'परिकल्पना सम्मान' से नवाजा गया | वही इलाहाबाद में 'साहित्य का बैरोमीटर' कहें जाने वाले ए जी आफिस में सन्नाटा छाया रहा,इस बार यहाँ  हिंदी पखवाड़ा मनाया गया |
  इलाहाबाद के रचनाकारों ने इस वर्ष साहित्य जगत में सर्वोच्चता के  ताज पर अपनी दमदार दावेदारी दिखाई |प्रेमकथायुक्त ,लम्बीकहानियो वाली पुस्तक  "आप बहुत बहुत सुंदर हैं"एवं लघुकथा संकलन"एक टुकड़ा रौशनी" काफी सराही गयी ,इन पुस्तको के लेखक डॉ कीर्ति कुमार जी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी पी जी कालेज में दर्शन शास्त्र के विभागाध्यक्ष हैं|
      इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्नातक दृतीय वर्ष की खूबसूरत छात्रा 'लीमा धर' ने तो अपनी रचनात्मक प्रतिभा का लोहा मनवाया ही ,मुख्यमंत्री जी भी उनकी लेखनी के प्रशंसक निकले ,'द गर्ल्स हू किस्ड द स्नेक'...'टिल वी मीट अगेन'....'माम एंड आई लव ए टेरेरिस्ट' और सबसे लेटेस्ट उपन्यास 'यू टच्ड माई हर्ट'....सचमुच लीमा तुमने तो इलाहाबाद वालो का हर्ट टच कर लिया |तुम्हारा हिंदी कविताओं का संकलन 'कुछ लफ्ज नकाब में' प्रकाशित हो चुका हैं |
      श्रीमती यासमीन सुल्ताना ,वरिष्ठ साहित्यकार हैं ,१९७२ से लेखन में सक्रीय हैं ,कविता ,संस्मरण,साक्षात्कार ,नाटक,समीक्षा,आलोचना विज्ञान आदि विषयों पर दो दर्जन से भी अधिक पुस्तको की लेखिका हैं |आपने जापान विश्वविद्यालय में ५ साल तक हिंदी भी पढाया हैं |उनकी उर्दू जापानी पत्रिका 'साकूरा की बयारे' मन भायी ,उन्हें इस वर्ष का "विश्व हिंदी सेवा सम्मान २०१३" प्रदान किया गया हैं |वर्तमान में वें के के विरला फाउनडेशन में सरस्वती पुरस्कार चयन परिषद और चयन समिति की सदस्य होने के साथ साथ 'अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन'की महासचिव भी हैं |
    इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ही प्रो.राजेन्द्र कुमार जी की साहित्यिक गतिविधियों के लिए इस वर्ष का 'गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान'...'मीरा स्मृति सम्मान'...साहित्य शिरोमणि सम्मान-२०१३... से नवाजा गया |
     समाज में महिलाओं की स्थिति पर पेंटिंग्स प्रदर्शनी लगाने वाली डॉ जूही शुक्ला प्रयाग विद्यापीठ डिग्री कालेज की शिक्षिका हैं ,उनकी पुस्तक 'जीवन मूल्य और कला'  सराहनीय रही |उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी सस्थान का 'विद्यानिवास मिश्र संस्कृत एवार्ड' प्रदान किया गया |
 पद्मश्री शम्सुर्रहमान फारुकी जी को 'मीरा स्मृति सम्मान २०१३'.कवि  श्लेष गौतम जी को उनकी काव्य-संग्रह"चाँद सुलगता हैं "के लिए 'हरिवंशराय बच्चन युवा गीतकार सम्मान' दिया गया |आधुनिक कविता की कवियत्री श्रीमती अनीता वर्मा को 'केदारनाथ सम्मान२०१३ 'से नवाजा गया |डॉ.कृष्णा मुखर्जी को विज्ञान भूषण तो...तश्ना कानपुरी जी को 'चेतना श्री पुरस्कार' से सम्मानित किया गया |
     इस वर्ष हिंदी साहित्य के कई नए सितारे चमके तो कई सितारे हमारे जद से दूर भी हो गये |कहानीकार शिवकुटी लाल वर्मा ,प्रो.रघुवंश,श्री ओम प्रसाद बाल्मीकि और विरहा सम्राट हैदर अली 'जुगनू' को प्रयाग ने खोया|आप सब को हम विनम्र श्रृद्धांजलि अर्पित करते हैं | "इलाहाबाद...जिंदाबाद"!
-अजय यादव की कलम से

यह वर्ष जीवन का सबसे खास वर्ष होंगा !

यह वर्ष जीवन का सबसे खास वर्ष होंगा !

      आईये ...एक गुलाब का फूल लेते हैं ,घुमा -फिरा के देखियें ,इसकी खूबसूरती ,इसकी नजाकत ,इसकी सम्पूर्णता |यह हमेशा सम्पूर्ण होता हैं |हम भी इसी तरह से सम्पूर्ण हैं|कुछ भी पा सकतें हैं ,मनचाहा जीवन जी सकते हैं ....बुलंदियो के शिखर पर आशियाँ बना सकते हैं ,कुछ खास नही करना हैं बस सजग रहना हैं ,ज्यादातर समय हम क्या सोचतें हैं ?
जो हमे चाहिए ..या जो हमे नही चाहिए ...??
 सही कहा आपने ..हम ज्यादातर समय 'जो हमे नही चाहिए ,वही सोचते हैं' |विजुलायिजेशन या रिलैक्सेशन से,या प्रेरक पुस्तको के जरियें हम खुद में प्रेरणा का झरना फूटता देखना चाहते हैं ,किन्तु अपने विचारो में परिवर्तन लाना थोडा कठिन महसूस करतें हैं |
           हम जिस लक्ष्य को चाहतें हैं ,अगर सिर्फ उसी के बारें में लगातार सोचतें हैं और उसी से सम्बन्धित कार्यों में लगातार लगें हैं, तो हम अपनी कार्यक्षमता/दक्षता से काफी आगे निकल कर खुद को चौंका देते हैं ,वैसे भी हमारी क्षमता की सीमा भी खुद हमारे द्वारा निर्मित होती हैं |एक single most important goal और absolute total committment हमेशा सर्वश्रेष्ठता के शिखर तक ले जाता हैं |समय ,उर्जा ,धन हर संदर्भ में फोकस खुद ब खुद बनता जाता हैं |
              'हम अपने भीतर केवल वही कमेंट्री चलने देंगे ,जो हमारे लक्ष्यों से शत प्रतिशत सामंजस्य में हों ,और लक्ष्य प्राप्ति में सहायक हों|जीवन में कुछ भी इतना महत्वपूर्ण नही हैं ,जितना यह लक्ष्य |इस लक्ष्य को मैं हर हाल में प् कर ही रहूँगा' ऐसे संकल्प करना,कमिटमेंट बढ़ाता हैं |कब तक आप 'विषम परिस्थितियों में बेहतर करने की कोशिश' वाली आदत से जुड़े रहोंगे |हर अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थिति या माहौल में बेस्ट करने की आदत डालनी होंगी ,'बिना किसी उपाधि के,जीवन का नेतृत्त्व' करना होंगा ...जीवन की हर शै में अपनी मूलभूत आदत 'जिन्दादिली' और 'निरंतर विकास' का दामन थामे रहना हैं |
"नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं" 
-अजय यादव

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