27 August 2013

a "motivational" speech लीजिए !कलम आपके हाथ में हैं..!



हम सब का एक कुदरती दायरा होता हैं,जिसकी परिधि में रहने के लिए प्रकृति हमे तैयार करती हैं |जीवन संघर्ष के दौरान Survival Instinct के लिए हम सब लोग अक्सर जाने-अनजाने इस दायरे से बाहर निकल कर नए नए कीर्तिमान स्थापित करतें हैं|एक और दायरा होता हैं जिसे ‘आरामदेह का दायरा’ {Comfort Zone} कहतें हैं,जिसका मैं खुद काफी लंबे समय तक शिकार रहा हूँ,मेरे जीवन में क्रान्ति जोसेफ मर्फी की पुस्तक “आपके अवचेतन मन की शक्तियाँ”पढ़के आई... |एम्स से वर्षों पहले MBBS पूरा कर एक निजी कम्पनी में कार्यरत मेरी एक सीनियर दोस्त ने गपशप के दौरान मुझे जो बताया ,उसे सुनकर मेरे कान खड़ें हों गए  “हम छोटी छोटी चीजों में ही इतने रम जातें हैं की बड़ी बड़ी बातों/चीजों/सफलताओं  के विषय में सोचने लिए समय ही नही बचता”|

    दोस्तों !जीवन में बहुत अच्छी तरह से सफल होने के लिए,और इस तरह सफल होने के लिए ज्यादा मेहनत भी न करनी पड़े तो अपने दिल की सुनिए..!मैं कहूँगा की “आपने शौक कों ही हम प्रोफेसन बना लें”,उदाहरण के लिए श्री सचिन तेंदुलकर का शौक हैं क्रिकेट खेलना ...आज क्रिकेट के देवता कहें जाते हैं,सुश्री लता मंगेशकर का शौक था..गायन उन्होंने भारतीय संगीत गायन  कों हीं नई दिशा दी|इसी तरह से कुछ ब्लोग्गर मित्र ब्लॉग्गिंग के शौक के चलते हिंदी-ब्लागिंग कों  नई पहचान दिए हैं | माइकल जोर्डन अमेरिका के प्रसिद्ध बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं ,जिनके बारे में,अमेरिका में एक आम राय हैं की वे “हवा में उड़ते हैं”|प्रारम्भिक संघर्ष के दिनों में अपने स्कूल के लिए खेलें ,बाद में वे ‘नार्थ-कैलायिना यूनिवर्सिटी’ तथा ‘शिकागो बुल्स’ के लिए खेलते रहे और आज विश्व भर में एक फेमस बास्केटबाल हस्ती हैं|जोर्डन की एक प्रसिद्ध पुस्तक हैं “Driven From Within” ,जिसमे उन्होंने लिखा हैं की “बड़ी कम्पनियां,बड़े संस्थान और बड़े खिलाडी तब भी बड़ी कड़ी मेहनत करते हैं ,जब उनका प्रदर्शन कोई नहीं देखता ,और जब वे अपना प्रदर्शन सार्वजनिक रूप से करते हैं तो उनको हर कोई देखता हैं”{“अर्थात वे बहुत उम्दा प्रदर्शन करतें हैं”}| जोर्डन ने अपने पहले घर में एक बास्केट-बाल का कोर्ट बनवाया था,जिसमे वे लगातार प्रैक्टिस करते रहते हैं ,उनका कथन हैं की-

I Enjoy practicing more than Performance.Performance is the punctuation session during my Practice Session”.

दोस्तों  !जापानी भाषा के शब्द कैजेन का अर्थ हैं “लगातार और नियमित विकास”..जिसे हर अत्यन्त सफल व्यक्ति कों फालो करते पाता हूँ |

    दोस्तों !हमारे मस्तिष्क में इमोशनल व्यवहार कों नियंत्रित करने वाला ‘लिम्बिकसिस्टम’ होता हैं |  जिसमे मुख्य रूप से हिप्पोकैम्पस,एमिग्डेला,हाईपोथैलमस होते हैं |    दोस्तों ! पाश्चात्य वैज्ञानिको ने पहचान की हैं की “एमिग्डेला ही हमे कम्फर्ट जोन में रखने का कार्य करता हैं” |  यदि एमिग्डेला कों हम नियंत्रण रखें तो हम इस ‘कम्फर्ट-ज़ोन’ कों आसानी से पार कर सकते हैं | एमिग्डेला ही हमे ‘हमारी सीमाओं और कमियों पर फोकस कराता हैं’| आपने देखा होंगा की हम अक्सर कमिटमेंट करते हैं,न्यू ईयर रिजोल्यूशन्स भी लेते हैं,पर वे शायद ही पूरे होतें हों,क्यूंकि उन पर कायम नही रह पातें,तब तक ..जब तक..हम अपने रूटीन कों इम्प्रूव नही करते   |
हम सबको यह पता हैं की इस चीज {चीजों कों सही वक्त पर न करने की आदत से निपटना}के लिए हममे बर्निंग डिजायर होनी चाहिए |मैंने इस चीज से निपटने के लिए साप्ताहिक सेल्फ-इवुल्युशन का निर्णय किया और हर सप्ताह खुद से पूछता हूँ “मैंने इस हफ्ते exceptional क्या किया ?”जो उत्तर आता हैं ,उसी से अपनी प्रगति जांच लेता हूँ |
   दोस्तों!भविष्य में जो भी योजनाएं बनाएँ हम उनको अगर अवचेतन मन से प्रोग्राम्ड करें ,तो वह हर हाल में पूरी होती ही हैं,विजुलायिजेसन {भविष्य-दृष्टि}  के संदर्भ में इस ब्लॉग पर अनेक आर्टिकल/टेप्स/लिंक्स पहले से  हैं|यमन के एक पेट्रोल पम्प से पेट्रोल भरते भरते रिलायंस जैसी बड़ी कम्पनी स्थापित करने वाले स्वर्गीय श्री धीरूभाई अम्बानी का विजन/विजुलायिजेसन {भविष्य-दृष्टि} आज हजारों लोगों का चूल्हा जलाता हैं|उनके जीवन संघर्ष पर एक फिल्म “गुरु” भी बनी हैं|

    दोस्तों!जो घटता हैं ,और उस पर हमारी जो प्रतिक्रिया होती हैं,उसी से हमारा Output तय होता हैं... 

Event+Response=Output.

प्रोफेसर सिन्हा केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विश्व-प्रसिद्ध शिक्षक हैं ,उनकी पत्नी भी एक दक्ष सर्जन हैं|उनके एक इकलौता पुत्र रजनीश था ,जो की मैनेजमेंट की डिग्री के बाद एक अच्छी जगह सेट था और आगे पढ़ने के लिए विदेश की एक यूनिवर्सिटी में एप्लाई किया हुआ था,जहां से उसे छात्रवृति भी  स्वीकृत हों गयी थी| उसकी जॉब के दौरान ही उसकी मुलाकात सुनयना से हुयी ,वह बहुत ही नेकदिल और खुशमिजाज लड़की हैं| रजनीश और सुनयना की दोस्ती ,प्यार से होते हुए शादी तक पहुंची और उनकी शादी भी हों गयी,शादी के बाद वे मसूरी हनीमून गए,जहाँ रजनीश कों भयानक फ़ूड पॉयजनिंग हों गयी और उसकी मृत्यु हों गयी | मिस्टर और मिसेज सिन्हा ने उस यूनिवर्सिटी से बात किया और पुत्र की जगह पुत्रवधू कों वहाँ पढ़ने के लिए कन्विंस कर लिया |एक दिन  जब सिन्हा दम्पत्ति के साथ मैं शाम की ग्रीन चाय की चुस्कियां ले रहा था,उसी दौरान उनका फोन बजा,वार्तालाप के दौरान मिस्टर सिन्हा और मिसेज सिन्हा के चेहरे पर आई रौनक  से यह बात बयाँ हों गयी की सुनयना ने उनके सन्तान की कमी कों पूरी कर दी हैं |
     दोस्तों रजनीश की मृत्यु एक इवेंट थी,पर सिन्हा के रिस्पोंस का आउटपुट यह हुआ की उनको बेटे की कमी उनकी पुत्रवधू महसूस नही होने देती ,अब सुनयना उनकी बेटी बन चुकी हैं |
 आज दोपहार लंच करके बैठा ही था की रीना का फोन आ गया|वों बोली “ डॉ.साहेब मेरी जिंदगी बेकार हैं...!”मैंने उसे तुरंत रोका |और तुरंत उसकी बीसियो खूबियां गिनाई |जीवन में हम जो भी पेशे में हों,जो भी कार्य कर रहें हों |हमेशा कुछ शक्तिशाली विचार अपने पास सजीव रखने होंगे,जो हमेशा हमारे साथ बने रहें ,चलते रहे ,हमे पोषित करते रहें |जो हमे विषम से विषम परिस्थितियों में सकारात्मकता की तरफ बढ़ने का हौंसला दें|

Anchor Your Mind with Powerful Thought.

मेरे एक सुपर-सक्सेज दोस्त अपनी सुबह के शुरुवात में खुद से कहते हैं-
“आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दिन हैं ,यह न तो कभी आया था,न कभी आयेंगा,आज मैं अपना सबसे बेस्ट दूँगा”|
हर सफल व्यक्ति का कोई न कोई anchor thought होता ही हैं |मैंने कही सुना था की भारती एयरटेल के मालिक मित्तल साहब का anchor thought हैं -

If not ME....then WHO?


If not NOW...then WHEN?

एक प्रसिद्ध उद्योगपति का anchor thought मैंने एक इंग्लिश डेली न्यूजपेपर में पढ़ा

“SUCCESS is about creating,EXTRAORDINARY THINGS,with ordinary peoples.

मेरा anchor thaought हैं –“do it now”.
और आपका ?



दोस्तों ,मान्यता {belief} क्या हैं ?
“जब किसी बात कों सत्य मानकर हम स्वीकार कर लेते हैं,और उस पर कायम रहते हैं तो वह हमारी मान्यता बन जाती हैं”

उदाहरण-
श्याम और राम नामक दो व्यक्ति हैं ,राम का मानना हैं की बिल्ली रास्ता काटे तो अशुभ होंगा ,जबकि श्याम मानता हैं की ऐसा कुछ नही होंगा |

कौन गलत हैं ?कौन सही ?

दोनों सही हैं ...और जो मानते हैं ,कम से कम उनके खुद के अलग अलग व्यक्तित्व के लिए सत्य हैं |

राम अच्छा स्कोलर रहा हैं ,जॉब इंटरव्यू के लिए निकला बिल्ली ने रास्ता काटा..अपशकुन की आशंका से घर वापस लौट आया ,जबकि श्याम हमेशा उससे कम अंक लाता था ,उसका उसी पोस्ट के लिए चयन हों गया |

   इसलिए जरूरत हैं की हम ऐसी इम्पवारिंग बिलीफ डेवलप करें जो हमारे समग्र हित में हों,विकास में हों ..क्यूँ न ऐसी मान्यताएँ पाला जाएँ, जो जीना सिखाएं,प्रेम सिखाएं... और यह मानना अभी से क्यूँ न शुरू कर दें की हमारा जन्म ही सफलता,समृधि,खुशी ,आनंद,आध्यात्मिकता कों चरम पर ले जाने हेतु हुआ हैं|

दकियानूसी ज्योतिषियों ,पुराने विकास-अवरोधक ख्यालात,जो दिस-इम्पवारिंग बिलीफ कों बढ़ाये,कों अपने जीवन से बिलकुल ही खत्म कर देना हैं |

पहचान –पहचान कर.....,एक एक .....खराब मान्यताओं कों ,
देर क्यूँ ,लीजिए....! कलम आपके हाथ में हैं?आपको आपकी कहानी लिखने से कोई नही रोक सकता|

विस्टन चर्चिल ने एक बड़ी खूबसूरत बात कहीं हैं- 
"कभी भी हौंसला नही छोड़ना ..कभी भी नही,कभी भी नही ..कभी भी नहीं ...कभी भी नही ..न महान रूप में,न साधारण रूप में ,न मोटे रूप में ,न छोटे रूप में ,सिर्फ सम्मान और अच्छी चीजों की सोंच में खुद कों झोक दीजिए ......!”
-समस्त पाठकों और ब्लागर मित्रों कों सादर प्रणाम ........


drakyadav@rediffmail.com
लेखन ,सूक्ति संग्रह कुछ चित्र भी -डॉ  अजय यादव |शेष चित्र गूगल से |
नोट-मौलिक एवं अप्रकाशित  रचना  |





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